ओडिशा में सोने की खदानों की खोज: 20,000 किलो मिलने की संभावना
भारतीय भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण (GSI) ने ओडिशा के विभिन्न जिलों में सोने की खदानों की खोज की है, जिससे लगभग 20,000 किलोग्राम सोना मिलने की उम्मीद है। यह खोज ओडिशा के खनिज संपदा से भरपूर होने की पुष्टि करती है और राज्य के आर्थिक विकास के लिए एक महत्वपूर्ण अवसर प्रदान करती है।
किन जिलों में मिली सोने की खदानें?
GSI के अनुसार, सोने की खदानें देवगढ़, सुंदरगढ़, नबरंगपुर, केओंझर और अंगुल जिलों में पाई गई हैं। इन क्षेत्रों में व्यापक भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण किए गए, जिसके परिणामस्वरूप सोने की उपस्थिति का पता चला। मयूरभंज, मलकानगिरी, संबलपुर और बौध जिलों में भी सर्वेक्षण जारी हैं, जिससे भविष्य में और अधिक सोने की खदानों की खोज की उम्मीद है।
यह खोज भारत के लिए क्यों महत्वपूर्ण है?
ओडिशा में सोने की खदानों की खोज भारत के लिए कई मायनों में महत्वपूर्ण है:
- आर्थिक विकास: सोने के खनन से राज्य और देश दोनों की अर्थव्यवस्था को बढ़ावा मिलेगा।
- रोजगार सृजन: खनन कार्यों से स्थानीय लोगों के लिए रोजगार के अवसर पैदा होंगे।
- विदेशी मुद्रा भंडार: सोने का निर्यात विदेशी मुद्रा भंडार को बढ़ाने में मदद करेगा।
- आत्मनिर्भरता: भारत सोने के आयात पर अपनी निर्भरता को कम कर सकेगा।
ओडिशा सरकार और GSI अब इन खदानों से सोना निकालने की योजना बना रहे हैं। खनन कार्यों को पर्यावरण के अनुकूल तरीके से करने पर ध्यान दिया जाएगा ताकि पर्यावरण को कम से कम नुकसान हो।
यह खोज ओडिशा के लिए एक सुनहरा अवसर है और राज्य के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी।