आवारा कुत्तों से राहत: QR कोड और GPS से निगरानी, हेल्पलाइन नंबर जारी!
भारत में आवारा कुत्तों की समस्या एक गंभीर मुद्दा है, जिससे निपटने के लिए विभिन्न नगर निगम प्रयासरत हैं। सोनीपत और शिमला नगर निगम द्वारा उठाए गए कदम इस दिशा में महत्वपूर्ण हैं।
सोनीपत नगर निगम की पहल
सोनीपत नगर निगम शहर में आवारा कुत्तों की समस्या से निपटने के लिए एक हेल्पलाइन नंबर जारी करने जा रहा है। इस नंबर पर नागरिक खतरनाक कुत्तों की जानकारी दे सकेंगे। निगम इन कुत्तों को पकड़कर उनकी नसबंदी कराएगा और उनके लिए भोजन के स्थान भी निर्धारित करेगा। यह कदम सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद उठाया जा रहा है, जिससे शहरवासियों को आवारा कुत्तों से राहत मिलने की उम्मीद है।
शिमला नगर निगम का अभिनव प्रयास
शिमला नगर निगम (SMC) एक अनूठी पहल करने जा रहा है। दिल्ली में सड़क पर घूमने वाले आवारा कुत्तों को शेल्टर होम भेजने या नहीं भेजने को लेकर जारी बहस के बीच, शिमला नगर निगम शहर में आवारा कुत्तों को GPS तकनीक वाले कॉलर पहनाना शुरू करने वाला है, जिन पर क्यूआर कोड भी लगे होंगे। अभियान के पहले चरण में कुत्तों का टीकाकरण और चिह्नांकन किया जा रहा है, जबकि दूसरे चरण में GPS कॉलर लगाए जाएंगे।
QR कोड और GPS कॉलर के फायदे
- कुत्तों की मौजूदा लोकेशन का पता लगाया जा सकेगा।
- टीकाकरण की स्थिति की जानकारी मिलेगी।
- आक्रामक कुत्तों की पहचान अलग रंग से की जाएगी।
यह तकनीक आवारा कुत्तों की निगरानी और प्रबंधन में काफी मददगार साबित होगी। इससे न केवल कुत्तों की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सकेगी, बल्कि नागरिकों को भी उनसे होने वाले खतरे से बचाया जा सकेगा।
इन पहलों से उम्मीद है कि आवारा कुत्तों की समस्या को नियंत्रित करने में मदद मिलेगी और नागरिकों को सुरक्षित वातावरण मिलेगा।