ट्रंप प्रशासन का विवादास्पद निर्वासन प्रयास: एक फ़िलिस्तीनी की आपबीती
अमेरिका में एक राज्यविहीन फ़िलिस्तीनी महिला, वार्ड सकेक, ने ट्रम्प प्रशासन के दौरान अपने निर्वासन के प्रयासों के बारे में चौंकाने वाले खुलासे किए हैं। एमईएचडीआई अनफ़िल्टर्ड के साथ एक साक्षात्कार में, सकेक ने अवैध निर्वासन रणनीति के बारे में विस्तार से बताया, जिसमें उसे चीन या सोमालिया जैसे देशों में भेजने की धमकी भी शामिल थी।
सकेक ने याद किया कि एक आईसीई अधिकारी ने उसे 140 दिनों की हिरासत के दौरान कहा था, "मैं तुम्हें चीन, सोमालिया या कांगो, जहाँ चाहूँ भेज सकता हूँ," जबकि वह डिफरर्ड एनफोर्सड डिपार्चर आदेश द्वारा संरक्षित थी, जो उसे संयुक्त राज्य अमेरिका से निकालने को अवैध बनाता है।
सकेक के वकील, मारिया करी ने कहा कि आईसीई 'अपराधियों' को सड़कों से हटाने का झूठ बोल रहा है, जबकि जून तक, आईसीई द्वारा गिरफ्तार किए गए 70% लोगों का कोई आपराधिक इतिहास नहीं था, जैसे कि वार्ड। करी ने आगे बताया कि आईसीई ने सकेक के निर्वासन प्रयासों को निर्बाध बनाने के लिए अतिरिक्त कदम उठाए।
एक प्रयास में, आईसीई ने सकेक को आधी रात को इजरायल की सीमा पर निर्वासित करने की कोशिश की। वे उसे हवाई अड्डे तक ले गए, लेकिन इजरायल द्वारा ईरान पर बमबारी के परिणामस्वरूप इसे रद्द कर दिया गया। करी ने कहा, "आप किसी को आधी रात को बोइंग में क्यों डालते हैं? क्योंकि उनके परिवार के जागने की संभावना नहीं है, उनके वकील आसपास नहीं हैं, और अदालतें आपको आपातकालीन राहत देने के लिए नहीं हैं। तो यह सब जानबूझकर हो रहा है।"
यह मामला आईसीई द्वारा किए जा रहे निर्वासन के तरीकों पर सवाल उठाता है और यह बताता है कि कैसे कानूनी सुरक्षा उपायों को भी अनदेखा किया जा सकता है। सकेक की कहानी अमेरिकी आव्रजन प्रणाली में जवाबदेही और पारदर्शिता की आवश्यकता पर प्रकाश डालती है।
आगे क्या होगा?
सकेक और उनके वकील अब न्याय के लिए लड़ रहे हैं और आईसीई की अवैध प्रथाओं को उजागर करने की कोशिश कर रहे हैं। यह मामला अन्य राज्यविहीन व्यक्तियों के लिए एक मिसाल कायम कर सकता है जो इसी तरह के अनुभवों से गुज़रे हैं।
मुख्य बातें:
- ट्रम्प प्रशासन ने एक राज्यविहीन फ़िलिस्तीनी महिला को अवैध रूप से निर्वासित करने का प्रयास किया।
- आईसीई ने उसे चीन या सोमालिया जैसे देशों में भेजने की धमकी दी।
- उसके वकील का कहना है कि आईसीई 'अपराधियों' को सड़कों से हटाने का झूठ बोल रहा है।