बिहार भूमि: राजस्व महाअभियान में राहत, फर्जी कागजात पर होगी कार्रवाई
बिहार भूमि: जमीन मालिकों के लिए बड़ी खबर
बिहार में जमीन के मालिकों के लिए खुशखबरी है! राज्य सरकार ने राजस्व महाअभियान के तहत नियमों में ढील दी है, जिससे जमीन संबंधी कार्यों में लोगों को आसानी होगी। अपर मुख्य सचिव (ACS) ने राजस्व महाअभियान को लेकर नया आदेश जारी किया है, जिसका उद्देश्य जमीन संबंधी समस्याओं का तेजी से समाधान करना है।
राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग ने सभी अंचल अधिकारियों को स्पष्ट निर्देश दिए हैं कि राजस्व महाअभियान के शिविरों में रैयतों (जमीन मालिकों) के सभी आवेदन स्वीकार किए जाएं, भले ही उनमें कुछ कमियां हों। विभाग का कहना है कि किसी भी आवेदन को लेने से मना करना लोगों में असंतोष पैदा कर सकता है। इसलिए, दस्तावेजों की कमी होने पर भी आवेदन स्वीकार किए जाएंगे और बाद में उनकी जांच की जाएगी।
फर्जी कागजात मिलने पर होगी सख्त कार्रवाई
हालांकि, सरकार ने जमीन मालिकों को राहत देने के साथ ही भू-माफिया पर भी शिकंजा कसने की तैयारी कर ली है। यदि जमीन के कागजात फर्जी पाए जाते हैं, तो संबंधित व्यक्ति के खिलाफ आपराधिक मामला दर्ज किया जाएगा। नीतीश सरकार ने भू-माफिया पर लगाम लगाने के लिए यह सख्त कदम उठाया है।
नए नियमों के अनुसार, जमीन के अवैध कब्जे के मामले में फर्जी दस्तावेज पाए जाने पर गहन जांच-पड़ताल की जाएगी। यदि कागजात फर्जी पाए जाते हैं, तो इसे अन्य आपराधिक मामलों की तरह ही क्रिमिनल केस माना जाएगा।
क्षतिग्रस्त जमाबंदी पर भी स्वीकार होंगे आवेदन
राजस्व महाअभियान के तहत, अब क्षतिग्रस्त या छूटी हुई जमाबंदी पर भी लोगों के आवेदन स्वीकार किए जाएंगे। यदि कोई अधिकारी आवेदन लौटाता है, तो उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। अपर मुख्य सचिव ने इस संबंध में विस्तृत दिशा-निर्देश जारी किए हैं।
- सभी अंचल अधिकारियों को शिविरों में बिना किसी छानबीन और पूछताछ के आवेदन स्वीकार करने के निर्देश दिए गए हैं।
- दस्तावेजों की कमी होने पर भी आवेदन स्वीकार किए जाएंगे और बाद में उनकी जांच की जाएगी।
- फर्जी कागजात मिलने पर संबंधित व्यक्ति के खिलाफ आपराधिक मामला दर्ज किया जाएगा।
इन नए नियमों से बिहार के जमीन मालिकों को काफी राहत मिलने की उम्मीद है। सरकार का लक्ष्य है कि राजस्व महाअभियान के तहत जमीन संबंधी सभी समस्याओं का समाधान किया जाए और लोगों को त्वरित सेवाएं प्रदान की जाएं।