ट्रंप का टैरिफ हमला: भारत पर कितना असर? ONGC का रूसी तेल रुख
ट्रंप टैरिफ: भारत के लिए नई चुनौतियां?
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा लगाए गए टैरिफ ने भारत की अर्थव्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। ग्लोबल ब्रोकरेज फर्म जेफरीज की एक रिपोर्ट के अनुसार, ये टैरिफ भारत को 55-60 अरब डॉलर तक का नुकसान पहुंचा सकते हैं। मुख्य रूप से कपड़ा, जूते, गहने और रत्न जैसे श्रम-गहन उद्योग इससे प्रभावित होंगे। क्या यह भारत-अमेरिका संबंधों में एक नया मोड़ है?
कश्मीर मुद्दा और टैरिफ का संबंध?
जेफरीज की रिपोर्ट में यह भी दावा किया गया है कि ट्रंप की 'निजी खुन्नस' के कारण भारत पर टैरिफ लगे हैं। रिपोर्ट के अनुसार, ट्रंप भारत और पाकिस्तान के बीच लड़ाई रुकवाने का श्रेय लेना चाहते थे, लेकिन भारत ने ऐसा नहीं होने दिया। क्या कश्मीर मुद्दे पर भारत का रुख टैरिफ लगाने का कारण बना?
ONGC का रूसी तेल रुख: क्या कोई बदलाव?
इस बीच, सरकारी तेल एवं गैस कंपनी ओएनजीसी के अध्यक्ष अरुण कुमार सिंह ने स्पष्ट किया है कि उनकी समूह कंपनियां रूसी कच्चे तेल की खरीद और प्रसंस्करण तब तक जारी रखेंगी, जब तक यह आर्थिक रूप से फायदेमंद है। उन्होंने यह भी कहा कि भारत सरकार की ओर से रूसी तेल आयात को रोकने या सीमित करने का कोई दबाव नहीं है। रूस भारत का सबसे बड़ा तेल आपूर्तिकर्ता है, जो भारत की तेल आवश्यकताओं का एक महत्वपूर्ण हिस्सा पूरा करता है।
आगे क्या?
ट्रंप के टैरिफ और रूसी तेल पर भारत के रुख के बीच, भारतीय अर्थव्यवस्था को कई चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है। यह देखना होगा कि भारत सरकार इन चुनौतियों का सामना कैसे करती है और अर्थव्यवस्था को स्थिर रखने के लिए क्या कदम उठाती है। क्या भारत और अमेरिका के बीच व्यापारिक संबंध सुधरेंगे, या स्थिति और बिगड़ेगी? यह समय ही बताएगा।
- टैरिफ से भारतीय अर्थव्यवस्था पर प्रभाव
- कश्मीर मुद्दे का टैरिफ पर प्रभाव
- ONGC का रूसी तेल खरीदने का निर्णय