आयकर पोर्टल में गड़बड़ी: ITR और टैक्स ऑडिट की समय सीमा बढ़ाने की मांग
चंडीगढ़ चार्टर्ड अकाउंटेंट्स टैक्सेशन एसोसिएशन (सीसीटीएएक्स) ने केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) से आकलन वर्ष 2025-26 के लिए आयकर रिटर्न (आईटीआर) और टैक्स ऑडिट की समय सीमा बढ़ाने का आग्रह किया है। सीसीटीएएक्स ने आईटीआर फाइलिंग पोर्टल पर लगातार गड़बड़ियों, डेटा मिसमैच और आईसीएआई प्रारूप में हाल के बदलावों का हवाला दिया है।
आईटीआर फाइलिंग में आ रही हैं ये दिक्कतें
सीसीटीएएक्स ने बताया कि आईटीआर फाइलिंग वेबसाइट कई समस्याओं का सामना कर रही है, जैसे कि एआईएस और फॉर्म 26एएस के बीच डेटा मिसमैच, सर्वर क्रैश और सेशन टाइमआउट। इसके अतिरिक्त, इस वर्ष, इंस्टीट्यूट ऑफ चार्टर्ड अकाउंटेंट्स ऑफ इंडिया (आईसीएआई) ने गैर-कॉर्पोरेट संस्थाओं के लिए वित्तीय विवरणों के लिए एक नया प्रारूप पेश किया है, जिसके लिए प्रशिक्षण और सॉफ्टवेयर अपडेट की आवश्यकता है, जिससे प्रक्रिया धीमी हो रही है।
समय सीमा बढ़ाने की आवश्यकता क्यों?
- तकनीकी बाधाएं
- विलंबित उपयोगिताएं
- मानसून व्यवधान
सीसीटीएएक्स के सचिव, चार्टर्ड अकाउंटेंट मनोज कोहली ने कहा कि वर्तमान अनुपालन कैलेंडर अवास्तविक है। पेशेवरों को तकनीकी बाधाओं, विलंबित उपयोगिताओं और मानसून व्यवधानों का सामना करना पड़ रहा है - यह विस्तार एक विलासिता नहीं, बल्कि एक आवश्यकता है।
हालांकि सरकार ने पहले ही आईटीआर फाइलिंग की समय सीमा 31 जुलाई, 2025 से बढ़ाकर 15 सितंबर, 2025 कर दी है, लेकिन यह विस्तार केवल उन व्यक्तियों पर लागू होता है जो आयकर ऑडिट कराने के लिए उत्तरदायी नहीं हैं। आयकर ऑडिट की समय सीमा आकलन वर्ष 2025-26 के लिए 30 सितंबर, 2025 पर अपरिवर्तित है।
सीसीटीएएक्स का मानना है कि इन सभी दिक्कतों को देखते हुए आयकर रिटर्न और टैक्स ऑडिट की समय सीमा को आगे बढ़ाया जाना चाहिए, ताकि करदाताओं को अनुपालन करने में आसानी हो।