अमृतसर में बाढ़: 45 गांवों में तबाही, लोग छतों पर जीने को मजबूर
अमृतसर में बाढ़ से हाहाकार: 45 गांवों में जलभराव, जीवन अस्त-व्यस्त
पंजाब के अमृतसर जिले के अजनाला क्षेत्र में बाढ़ ने भारी तबाही मचाई है। रावी नदी में जलस्तर बढ़ने से आस-पास के 45 गांवों में पानी भर गया है, जिससे लगभग 60-70 हजार लोग प्रभावित हुए हैं। स्थिति इतनी गंभीर है कि कई गांवों में सात फीट तक पानी भर गया है।
स्थानीय निवासियों के अनुसार, उन्होंने पिछले 37 वर्षों में ऐसा मंजर नहीं देखा था। रात को सोते समय सब कुछ सामान्य था, लेकिन सुबह उठते ही उन्होंने खुद को पानी से घिरा पाया। वर्षों की मेहनत से बनाए गए घर पानी में डूब गए हैं, और लोगों को अपनी जान बचाने के लिए छतों पर शरण लेनी पड़ी है।
छतों पर गुजर रही जिंदगी: भोजन और पानी की किल्लत
प्रभावित लोग पिछले 84 घंटों से छतों पर रहने को मजबूर हैं। सबसे बड़ी समस्या पीने के पानी और भोजन की उपलब्धता है। बाढ़ के कारण आपूर्ति लाइनें बाधित हो गई हैं, और लोगों को बुनियादी जरूरतों के लिए भी संघर्ष करना पड़ रहा है।
राहत और बचाव कार्य जारी
स्थानीय प्रशासन और स्वयंसेवी संगठन प्रभावित लोगों तक राहत सामग्री पहुंचाने की कोशिश कर रहे हैं। हालांकि, जलभराव के कारण राहत कार्यों में काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है। सरकार ने प्रभावित क्षेत्रों में तत्काल सहायता पहुंचाने का आश्वासन दिया है। लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाने के लिए नावों का इस्तेमाल किया जा रहा है।
यह आपदा दिखाती है कि जलवायु परिवर्तन का प्रभाव कितना विनाशकारी हो सकता है। हमें पर्यावरण संरक्षण के लिए और अधिक जागरूक होने की आवश्यकता है ताकि भविष्य में ऐसी घटनाओं से बचा जा सके।