राजस्थान उच्च न्यायालय: भर्ती, फैसले और सुप्रीम कोर्ट का हस्तक्षेप

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राजस्थान उच्च न्यायालय हाल ही में कई कारणों से खबरों में रहा है। एक तरफ जहाँ जोधपुर स्थित राजस्थान उच्च न्यायालय ने कानूनी शोधकर्ता के पद के लिए आवेदन आमंत्रित किए हैं, वहीं दूसरी ओर, अदालत के कुछ फैसलों और टिप्पणियों को लेकर विवाद भी सामने आए हैं।

कानूनी शोधकर्ता भर्ती

राजस्थान उच्च न्यायालय, जोधपुर ने माननीय न्यायमूर्ति इंद्रजीत सिंह के साथ प्रतिनियुक्ति के लिए संविदात्मक आधार पर कानूनी शोधकर्ता के पद के लिए ऑनलाइन आवेदन आमंत्रित किए हैं। इस पद के लिए आवश्यक योग्यता में भारत में कानून द्वारा स्थापित विश्वविद्यालयों/कॉलेजों/संस्थानों से कानून में स्नातक या स्नातकोत्तर की डिग्री शामिल है। साथ ही, उम्मीदवार को कंप्यूटर का बुनियादी ज्ञान होना चाहिए। आवेदन करने की अंतिम तिथि 4 सितंबर, 2025 है।

POCSO न्यायाधीश पर प्रतिकूल टिप्पणी

उच्चतम न्यायालय ने राजस्थान उच्च न्यायालय के उस आदेश पर रोक लगा दी है जिसमें POCSO अदालत के एक न्यायाधीश के खिलाफ प्रतिकूल टिप्पणियां शामिल थीं। यह मामला एक नाबालिग लड़की से बलात्कार के आरोप से संबंधित था, जिसमें एक किशोर लड़के को आरोपी बनाया गया था। उच्च न्यायालय ने ट्रायल जज के फैसले में कमियां पाईं, जिसमें एक फैसले से दूसरे में कॉपी-पेस्ट करना शामिल था, और इस बात पर जोर दिया कि न्यायाधीशों को व्यक्तिगत रूप से तथ्यों और कानून पर विचार करने के बाद पूरे फैसले को लिखना या निर्देशित करना चाहिए।

सुप्रीम कोर्ट का हस्तक्षेप

सुप्रीम कोर्ट ने उच्च न्यायालय की टिप्पणियों को गंभीरता से लेते हुए इस मामले में हस्तक्षेप किया और उच्च न्यायालय के आदेश पर रोक लगा दी। यह घटना न्यायपालिका की स्वतंत्रता और निष्पक्षता के महत्व को रेखांकित करती है।

यह घटनाक्रम राजस्थान उच्च न्यायालय के भीतर चल रही गतिविधियों और न्यायिक प्रक्रियाओं की जटिलताओं को दर्शाता है।

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