AIADMK ने पूर्व मंत्री सेंगोत्तैयन को पार्टी से निकाला, एकता की अपील बनी वजह!
AIADMK (ऑल इंडिया अन्ना द्रविड़ मुनेत्र कड़गम) ने अपने पूर्व मंत्री और वरिष्ठ नेता के. ए. सेंगोत्तैयन को पार्टी के सभी पदों से तत्काल प्रभाव से हटा दिया है। यह कार्रवाई सेंगोत्तैयन द्वारा पार्टी से निष्कासित नेताओं को वापस लाने और एकता स्थापित करने की अपील के एक दिन बाद हुई है।
सेंगोत्तैयन की एकता की अपील
सेंगोत्तैयन ने शुक्रवार को पार्टी की एकता पर जोर दिया था और नेतृत्व से उन सदस्यों को फिर से शामिल करने का आग्रह किया था जो पहले पार्टी छोड़ चुके थे। उन्होंने कहा था, "अगर हम उन गुटों को वापस ले आते हैं जो हमें छोड़ गए हैं, तो हम चुनाव जीत सकते हैं। हमें उन लोगों को स्वीकार करना और शामिल करना चाहिए जो हमें छोड़ गए हैं। उन्होंने यहां तक कहा कि उनकी इकाई की कोई मांग नहीं है।" उन्होंने आगे कहा, "मैं एक संयुक्त AIADMK सुनिश्चित करने के लिए काम कर रहा हूं... चुनाव हारने के बाद, वरिष्ठ नेताओं ने ईपीएस (एडप्पादी के. पलानीस्वामी) से मुलाकात की और सुझाव दिए। ईपीएस ने हमारे सुझावों को नहीं सुना या उनका पालन नहीं किया।"
शशिकला का समर्थन
सेंगोत्तैयन की एकता की अपील को पार्टी से निष्कासित प्रमुख नेताओं में से एक वी. के. शशिकला का समर्थन मिला है। एक बयान में, तमिलनाडु की दिवंगत पूर्व मुख्यमंत्री जयललिता की करीबी सहयोगी शशिकला ने सेंगोत्तैयन की एकता की अपील का समर्थन किया। उन्होंने कहा, "हमारे वरिष्ठ नेता और पार्टी विधायक, प्रिय भाई सेंगोत्तैयन ने साबित कर दिया है कि AIADMK एक अविनाशी शक्ति है जिसे कोई भी शक्ति मिटा नहीं सकती है।"
पार्टी में सेंगोत्तैयन का कद
सेंगोत्तैयन AIADMK के संगठनात्मक सचिव और इरोड शहरी जिला सचिव जैसे महत्वपूर्ण पदों पर थे। पश्चिमी तमिलनाडु में उनका काफी प्रभाव माना जाता है, जो AIADMK महासचिव एडप्पादी के. पलानीस्वामी का भी क्षेत्र है। पार्टी से निष्कासन के बाद, सेंगोत्तैयन का भविष्य और AIADMK की आंतरिक राजनीति में आगे क्या मोड़ आता है, यह देखना दिलचस्प होगा।
आगे क्या होगा?
- क्या सेंगोत्तैयन अपनी एकता की अपील पर कायम रहेंगे?
- क्या AIADMK में निष्कासित नेताओं की वापसी की कोई संभावना है?
- क्या शशिकला AIADMK में फिर से सक्रिय भूमिका निभाएंगी?
इन सवालों के जवाब आने वाले दिनों में स्पष्ट हो सकते हैं।