अडानी पावर के शेयरों में उछाल: भूटान परियोजना और स्टॉक स्प्लिट का असर

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अडानी पावर के शेयरों में पिछले दो दिनों में 8% की तेजी आई है। इस तेजी के पीछे कई कारण हैं, जिनमें भूटान में 570 मेगावाट की जलविद्युत परियोजना की घोषणा और कंपनी द्वारा पहली बार स्टॉक स्प्लिट की योजना शामिल है।

अडानी पावर ने भूटान की ड्रुक ग्रीन पावर कॉर्प (DGPC) के साथ एक शेयरधारक समझौते (SHA) पर हस्ताक्षर किए हैं। इस समझौते के तहत, दोनों कंपनियां भूटान में वांगचू में 570 मेगावाट की जलविद्युत परियोजना स्थापित करेंगी।

समझौते के अनुसार, अडानी पावर और DGPC संयुक्त रूप से भूटान में एक सार्वजनिक कंपनी स्थापित करेंगी, जिसमें अडानी पावर की 49% और DGPC की 51% हिस्सेदारी होगी। शुरुआत में, परियोजना कंपनी अडानी पावर को 4.9 मिलियन शेयर और DGPC को 5.1 मिलियन शेयर BTN 100 प्रति शेयर की दर से जारी करेगी।

इस समझौते से अडानी पावर को दक्षिण एशिया के स्वच्छ ऊर्जा परिवर्तन में बड़ी भूमिका निभाने की महत्वाकांक्षा को बल मिलेगा।

इसके अतिरिक्त, कंपनी ने हाल ही में घोषणा की कि उसके शेयरधारकों ने लिस्टिंग के बाद पहली बार स्टॉक स्प्लिट को मंजूरी दे दी है। बोर्ड ने ₹10 के फेस वैल्यू वाले प्रत्येक इक्विटी शेयर को ₹2 के फेस वैल्यू वाले पांच इक्विटी शेयरों में विभाजित करने की मंजूरी दी है।

स्टॉक स्प्लिट का उद्देश्य

इस कदम का उद्देश्य तरलता को बढ़ाना, शेयरधारक आधार को व्यापक बनाना और छोटे निवेशकों के लिए पहुंच में सुधार करना है।

जलविद्युत परियोजना का महत्व

भूटान परियोजना अडानी पावर के लिए जलविद्युत क्षेत्र में पहला कदम है और यह कंपनी के 5,000 मेगावाट स्वच्छ ऊर्जा क्षमता स्थापित करने के लक्ष्य के अनुरूप है। जलविद्युत परियोजनाएं थर्मल पावर की तुलना में अधिक लाभदायक मानी जाती हैं, क्योंकि वे ऊर्जा के प्राथमिक स्रोत के रूप में पानी पर निर्भर करती हैं, न कि थर्मल उत्पादन के लिए आवश्यक गैर-नवीकरणीय ईंधन पर।

कुल मिलाकर, अडानी पावर के शेयरों में तेजी कंपनी के भविष्य के लिए सकारात्मक संकेत है। भूटान परियोजना और स्टॉक स्प्लिट कंपनी के विकास और विस्तार के लिए महत्वपूर्ण कदम हैं।

निवेशकों के लिए सलाह

निवेशकों को सलाह दी जाती है कि वे निवेश करने से पहले अपने वित्तीय सलाहकार से सलाह लें।

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