साइबर हमले से JLR को भारी नुकसान, उत्पादन रुका, आपूर्तिकर्ता दिवालिया होने के कगार पर

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टाटा मोटर्स के स्वामित्व वाली ब्रिटिश लग्जरी कार निर्माता कंपनी जगुआर लैंड रोवर (JLR) एक गंभीर साइबर हमले का शिकार हो गई है। इस हमले के कारण कंपनी को अपने उत्पादन को रोकना पड़ा है, जिससे उसे भारी वित्तीय नुकसान हो रहा है। इतना ही नहीं, JLR के कई आपूर्तिकर्ता दिवालिया होने के कगार पर पहुँच गए हैं।

यह साइबर हमला 1 सितंबर को हुआ था, जिसके कारण JLR को अपने कंप्यूटर सिस्टम को बंद करने और दुनिया भर में उत्पादन लाइनों को बंद करने के लिए मजबूर होना पड़ा। सोलिहुल, हैलवुड और वॉल्वरहैम्प्टन में स्थित कंपनी के कारखानों के कम से कम 24 सितंबर तक निष्क्रिय रहने की उम्मीद है, क्योंकि कंपनी अभी भी नुकसान का आकलन कर रही है।

अनुमान है कि इस रुकावट के कारण JLR को अब तक कम से कम 50 मिलियन पाउंड का नुकसान हो चुका है। लेकिन विशेषज्ञों का कहना है कि सबसे गंभीर नुकसान इसके आपूर्तिकर्ताओं के नेटवर्क को हो रहा है, जिनमें से कई छोटे और मध्यम आकार के व्यवसाय हैं।

बर्मिंघम बिजनेस स्कूल के बिजनेस इकोनॉमिक्स के प्रोफेसर डेविड बेली ने बीबीसी को बताया, "जगुआर लैंड रोवर के लिए आपूर्ति श्रृंखला में लगभग एक चौथाई मिलियन लोग हैं। इसलिए यदि इस बंदी से कोई प्रभाव पड़ता है, तो हम कंपनियों को दिवालिया होते और नौकरियां खोते हुए देख सकते हैं।"

इस साइबर हमले के पीछे "स्कैटर्ड लैप्सस$ हंटर्स" नामक एक हैकर समूह का हाथ बताया जा रहा है। इस समूह ने पहले खुदरा श्रृंखला मार्क्स एंड स्पेंसर पर भी साइबर हमला किया था। समूह का दावा है कि उन्होंने JLR के नेटवर्क तक पहुंच प्राप्त कर ली है, लेकिन उन्होंने यह पुष्टि नहीं की है कि क्या कोई संवेदनशील डेटा चुराया गया है या मैलवेयर स्थापित किया गया है।

JLR ने कहा है कि उसने अपने IT नेटवर्क को नुकसान से बचाने के लिए जानबूझकर बंद कर दिया है। हालांकि, चूंकि इसके उत्पादन और पार्ट्स आपूर्ति सिस्टम अत्यधिक स्वचालित हैं, इसलिए इसका मतलब है कि कारों का निर्माण नहीं किया जा सकता है।

इस संकट के कारण JLR को भारी वित्तीय और परिचालन नुकसान हो रहा है। कंपनी ने 24 सितंबर तक उत्पादन रोक दिया है और आपूर्तिकर्ताओं को चेतावनी दी गई है कि नवंबर तक उत्पादन फिर से शुरू नहीं हो सकता है। इस बंदी के कारण JLR को प्रति दिन लगभग 5 मिलियन पाउंड का नुकसान हो रहा है।

सरकार से मदद की गुहार

इस संकट को देखते हुए सरकार से फurlough योजना स्थापित करने का आह्वान किया जा रहा है, ताकि बड़े पैमाने पर नौकरी के नुकसान को रोका जा सके।

आगे क्या होगा?

यह देखना बाकी है कि JLR इस संकट से कैसे उबरता है। हालांकि, यह स्पष्ट है कि साइबर सुरक्षा कंपनियों के लिए एक गंभीर खतरा है, और उन्हें अपनी सुरक्षा को मजबूत करने के लिए कदम उठाने की जरूरत है।

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