पूनम पांडे की मंदोदरी भूमिका पर विवाद: विहिप ने जताई आपत्ति!
मॉडल और अभिनेत्री पूनम पांडे को दिल्ली की लवकुश रामलीला में मंदोदरी की भूमिका निभाने के लिए चुने जाने पर विवाद खड़ा हो गया है। विश्व हिंदू परिषद (विहिप) ने इस फैसले पर कड़ी आपत्ति जताई है, जिससे रामलीला कमेटी पर पुनर्विचार करने का दबाव बढ़ गया है।
विहिप की आपत्ति का कारण
विहिप का तर्क है कि रामलीला भारतीय संस्कृति और मूल्यों का एक अभिन्न हिस्सा है। इसलिए, पात्रों का चयन अत्यंत सावधानी से किया जाना चाहिए। विहिप का मानना है कि पूनम पांडे जैसी छवि वाली अभिनेत्री को मंदोदरी जैसे प्रतिष्ठित चरित्र की भूमिका देना उचित नहीं है। उनका कहना है कि इससे रामलीला की गरिमा कम हो सकती है।
रामलीला कमेटी का रुख
हालांकि, रामलीला कमेटी का कहना है कि हर व्यक्ति को सुधरने का मौका मिलना चाहिए। उनका मानना है कि पूनम पांडे को यह भूमिका देकर उन्हें एक नई शुरुआत करने का अवसर दिया जा रहा है। कमेटी ने विहिप की मांग पर पुनर्विचार करने की बात कही है, लेकिन अभी तक कोई अंतिम निर्णय नहीं लिया गया है।
अन्य कलाकार भी होंगे शामिल
इस वर्ष की रामलीला में फिल्मी दुनिया और थिएटर के कई अन्य कलाकार भी भाग ले रहे हैं। लाल किला मैदान में होने वाली रामलीला में फिल्म अभिनेता किंशुक वैद्य भगवान राम की भूमिका निभाएंगे। इससे रामलीला के मंचन में और भी अधिक आकर्षण आने की उम्मीद है।
आगे क्या होगा?
यह देखना दिलचस्प होगा कि रामलीला कमेटी विहिप के दबाव में आकर पूनम पांडे को मंदोदरी की भूमिका से हटाती है या नहीं। इस विवाद ने रामलीला के आयोजन और कलाकारों के चयन को लेकर एक बहस छेड़ दी है। यह भी सोचने वाली बात है कि क्या किसी व्यक्ति के अतीत को उसकी वर्तमान क्षमताओं पर हावी होने देना चाहिए या नहीं।