काबुल से शिकागो: क्या अमेरिका अपने ही शहरों पर युद्ध कर रहा है?

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डोनाल्ड ट्रम्प के राष्ट्रपति पद के दौरान, अमेरिका के शहरों में संघीय हस्तक्षेप एक गंभीर चिंता का विषय बन गया है। ट्रम्प प्रशासन ने शिकागो और पोर्टलैंड जैसे शहरों को "युद्ध क्षेत्र" के रूप में लेबल किया है, और इन शहरों में नेशनल गार्ड और संघीय एजेंटों को तैनात किया है, जिससे स्थानीय लोगों में भय और आक्रोश पैदा हो गया है।

ट्रम्प का शहरों पर हमला

ट्रम्प ने सार्वजनिक रूप से शहरों को अमेरिकी सैनिकों के लिए "प्रशिक्षण मैदान" के रूप में उपयोग करने की इच्छा व्यक्त की है। उन्होंने शिकागो के मेयर और इलिनोइस के गवर्नर को जेल में डालने की भी धमकी दी है। आलोचकों का कहना है कि ट्रम्प शहरों को दंडित कर रहे हैं क्योंकि वे डेमोक्रेटिक गढ़ हैं और उनकी नीतियों का विरोध करते हैं।

ट्रम्प प्रशासन के कार्यों की तुलना राष्ट्रपति गेराल्ड फोर्ड द्वारा न्यूयॉर्क शहर को वित्तीय सहायता देने से इनकार करने से की जा रही है। हालांकि, ट्रम्प के कदम अधिक कठोर और दमनकारी माने जाते हैं।

शिकागो में तनाव

शिकागो में, इमिग्रेशन एंड कस्टम्स एनफोर्समेंट (ICE) और अन्य संघीय एजेंटों की उपस्थिति ने स्थानीय लोगों को चिंतित कर दिया है। सोशल मीडिया पर साझा किए गए वीडियो में, संघीय एजेंटों को प्रदर्शनकारियों पर आंसू गैस और रबर की गोलियां चलाते हुए दिखाया गया है। एक घटना में, एक संघीय एजेंट को एक महिला पर बंदूक तानते हुए देखा गया, जो उन्हें फिल्मा रही थी।

  • संघीय एजेंटों की भारी उपस्थिति
  • प्रदर्शनकारियों पर आंसू गैस और रबर की गोलियां
  • निवासियों में भय और असुरक्षा का माहौल

प्रतिक्रिया

इलिनोइस के गवर्नर जेबी प्रिट्ज़कर ने ट्रम्प के कार्यों की कड़ी निंदा की है और उन्हें "तानाशाह" कहा है। उन्होंने कहा कि अगर ट्रम्प उनके लोगों पर हमला करते हैं, तो उन्हें उनसे होकर गुजरना होगा।

ट्रम्प के कार्यों ने अफगानिस्तान जैसे देशों में भी चिंता पैदा की है। कई लोग इस बात पर आश्चर्यचकित हैं कि अमेरिका, जो विदेशों में युद्ध छेड़ने के लिए जाना जाता है, अब अपने ही शहरों पर युद्ध कर रहा है।

यह स्थिति अमेरिकी लोकतंत्र और नागरिक स्वतंत्रता के लिए एक गंभीर खतरा है। यह देखना बाकी है कि यह संकट कैसे हल होता है, लेकिन यह स्पष्ट है कि ट्रम्प प्रशासन के कार्यों ने देश को विभाजित कर दिया है और भविष्य के लिए गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं।

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