डॉरटमंड: कैसे लार्स रिकेन और सेबेस्टियन केहल ने अपनी नौकरी बचाई?
कभी डगमगाती हुई कुर्सियों पर बैठे लार्स रिकेन और सेबेस्टियन केहल अब बोरुसिया डॉर्टमंड (बीवीबी) में मजबूती से जमे हुए हैं। कुछ महीने पहले तक, ऐसा लग रहा था कि उन्हें बर्खास्त कर दिया जाएगा, लेकिन अब उन्होंने क्लब के भीतर अपनी स्थिति को मजबूत कर लिया है।
कैसे हुआ बदलाव?
बीवीबी के खेल निदेशक के रूप में रिकेन और केहल की स्थिति तब खतरे में पड़ गई जब टीम लीग में 11वें स्थान पर थी। ऐसा लग रहा था कि क्लब के सीईओ हैंस-जोआकिम वात्जके पूरी टीम को बदलने पर विचार कर रहे थे।
हालांकि, चीजें बदल गईं जब बीवीबी ने लीग में शानदार वापसी की और चौथे स्थान पर पहुंच गई। इस बदलाव में कई कारकों का योगदान रहा:
- निको कोवाच को कोच नियुक्त करना: रिकेन ने कोवाच को नियुक्त करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई, और इस फैसले ने टीम के प्रदर्शन को तुरंत बेहतर बना दिया।
- रणनीतिक निर्णय: स्वेन मिस्लिंटैट को हटाना और मैथियास सैमर को पदावनत करना जैसे फैसलों ने क्लब के भीतर माहौल को शांत करने में मदद की।
- सफल ट्रांसफर: केहल ने जेमी गिटेंस को चेल्सी को 65 मिलियन यूरो में बेचकर और जोब बेलिंघम को साइन करके अपनी सौदा करने की क्षमता दिखाई।
इन सफलताओं के बावजूद, रिकेन और केहल को अभी भी चुनौतियों का सामना करना पड़ेगा। यह देखना बाकी है कि क्या वे अपनी वर्तमान स्थिरता बनाए रख सकते हैं।
आगे क्या होगा?
बीवीबी प्रशंसकों को उम्मीद होगी कि रिकेन और केहल क्लब को सफलता की ओर ले जा सकते हैं। आने वाले महीनों में उनके फैसलों पर कड़ी नजर रखी जाएगी। क्या वे डॉर्टमंड को फिर से जर्मन फुटबॉल के शिखर पर पहुंचा पाएंगे?