बिहार मतदाता सूची: सुधार के लिए चुनाव आयोग के आसान तरीके, चिराग का विपक्ष पर निशाना
बिहार मतदाता सूची में सुधार: चुनाव आयोग की पहल
भारत निर्वाचन आयोग ने बिहार में मतदाता सूची को दुरुस्त करने के लिए एक विशेष अभियान शुरू किया है। इस अभियान का मुख्य उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि हर योग्य नागरिक का नाम मतदाता सूची में शामिल हो। आयोग ने मतदाता सूची में नाम जुड़वाने की प्रक्रिया को सरल बनाया है, जिसमें ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों विकल्प उपलब्ध हैं। अंतिम मतदाता सूची 30 सितंबर 2025 को प्रकाशित की जाएगी।
चुनाव आयोग के 5 आसान तरीके
चुनाव आयोग ने मतदाता सूची में सुधार के लिए पांच आसान तरीके बताए हैं, जिनका पालन करके नागरिक आसानी से अपना नाम मतदाता सूची में शामिल करवा सकते हैं या उसमें सुधार कर सकते हैं। इन तरीकों में ऑनलाइन पोर्टल और ऑफलाइन आवेदन शामिल हैं, जिससे सभी नागरिकों के लिए प्रक्रिया सुलभ हो सके।
चिराग पासवान का विपक्ष पर हमला
केंद्रीय मंत्री चिराग पासवान ने मतदाता सूची के पुनरीक्षण पर सवाल उठाने वाले विपक्ष पर निशाना साधा है। उन्होंने कहा कि विपक्ष आगामी विधानसभा चुनाव में अपनी हार का बहाना ढूंढ रहा है। चिराग पासवान ने विपक्ष को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि उन्हें किसी भी व्यवस्था पर यकीन नहीं है और वे हर चीज में कमियां निकालते हैं।
राजनीतिक आरोप-प्रत्यारोप
बिहार में मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (स्पेशल इन्टेंसिव रिवीजन) पर सियासी घमासान जारी है। विपक्ष लगातार इस प्रक्रिया पर सवाल उठा रहा है, जबकि सत्तारूढ़ दल इसे निष्पक्ष और पारदर्शी बता रहा है। दोनों पक्षों के बीच आरोप-प्रत्यारोप का दौर चल रहा है, जिससे राज्य का राजनीतिक माहौल गरमाया हुआ है।
निष्कर्ष
बिहार में मतदाता सूची को लेकर चुनाव आयोग की पहल सराहनीय है, लेकिन इस पर राजनीतिक आरोप-प्रत्यारोप भी जारी हैं। नागरिकों को चाहिए कि वे चुनाव आयोग द्वारा बताए गए आसान तरीकों का पालन करके मतदाता सूची में अपना नाम शामिल करवाएं और लोकतंत्र को मजबूत बनाने में अपना योगदान दें।