राज ठाकरे ने मांगी माफी! भाषण में छूट गया था, पोस्ट कर बताई बात
राज ठाकरे ने भाषण में छूट गई बात के लिए मांगी माफी
मनसे प्रमुख राज ठाकरे ने हाल ही में एक विजयी रैली के बाद माफी मांगते हुए एक पोस्ट साझा की। उन्होंने कहा कि एक महत्वपूर्ण मुद्दा उनके भाषण में छूट गया था और वे इसके लिए माफी मांगते हैं। यह माफी उनके द्वारा त्रिभाषा सूत्र को रद्द करने के बाद वर्ली में आयोजित रैली के संदर्भ में थी, जहाँ वे और उद्धव ठाकरे लगभग 20 वर्षों के बाद एक साथ दिखाई दिए थे। इस घटना ने दोनों पार्टियों के कार्यकर्ताओं में उत्साह भर दिया था।
राज ठाकरे ने रैली में हिंदी भाषा के मुद्दे पर सरकार पर निशाना साधा था। उन्होंने स्पष्ट रूप से कहा कि महाराष्ट्र, मराठी भाषा और मराठी लोगों के हितों से किसी भी कीमत पर समझौता नहीं किया जाएगा। उनकी यह टिप्पणी मराठी अस्मिता और भाषा के प्रति उनकी प्रतिबद्धता को दर्शाती है।
क्या शिवसेना भी हो जाएगी हाईजैक? राज-उद्धव गठबंधन से किसे फायदा?
राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि राज ठाकरे और उद्धव ठाकरे का गठबंधन राज्य की राजनीति में एक महत्वपूर्ण मोड़ साबित हो सकता है। दोनों ठाकरे 18 साल बाद एक मंच पर आए, जिसका मुख्य मुद्दा मराठी भाषा था। इस घटना के बाद राज्य में कई तरह की चर्चाएं शुरू हो गई हैं। सवाल यह है कि इस गठबंधन से किसे फायदा होगा?
राजनीतिक विश्लेषकों का यह भी मानना है कि इस गठबंधन से शिवसेना पर भी असर पड़ सकता है। क्या बची हुई शिवसेना भी हाईजैक हो जाएगी? यह देखना दिलचस्प होगा कि राज ठाकरे और उद्धव ठाकरे का यह मिलन राज्य की राजनीति को किस दिशा में ले जाता है।
कांग्रेस की अनुपस्थिति रैली में स्पष्ट रूप से महसूस की गई। वहीं, राष्ट्रवादी शरद पवार गुट की गठबंधन को लेकर क्या भूमिका रहती है, यह भी देखने वाली बात होगी।
मुख्य बातें:
- राज ठाकरे ने भाषण में छूटे मुद्दे के लिए माफी मांगी।
- राज ठाकरे और उद्धव ठाकरे 18 साल बाद एक मंच पर आए।
- मराठी भाषा के मुद्दे पर दोनों नेताओं ने एकजुटता दिखाई।
- राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि इस गठबंधन से राज्य की राजनीति में बदलाव आ सकता है।