एयर इंडिया एक्सप्रेस दुर्घटना: जांच इंजन फ्यूल स्विच पर केंद्रित
एयर इंडिया एक्सप्रेस की 12 जून को हुई विमान दुर्घटना की जांच इंजन फ्यूल कंट्रोल स्विच की गतिविधि पर केंद्रित हो गई है। बोइंग 787 के एकीकृत उड़ान और वॉयस डेटा रिकॉर्डर के विश्लेषण के बाद जांचकर्ता इस नतीजे पर पहुंचे हैं। यह दुर्घटना अहमदाबाद हवाई अड्डे से लंदन के गैटविक हवाई अड्डे के लिए उड़ान भरने के 32 सेकंड बाद हुई थी, जिसमें विमान में सवार 242 यात्रियों और चालक दल में से 241 की मौत हो गई थी, साथ ही जमीन पर 19 लोग भी मारे गए थे।
भारत के विमान दुर्घटना जांच ब्यूरो (AAIB) द्वारा लगभग 11 जुलाई को नई दिल्ली में एक प्रारंभिक रिपोर्ट जारी किए जाने की उम्मीद है, जो बोइंग की नवीनतम पीढ़ी के वाइडबॉडी से जुड़ी पहली घातक दुर्घटना के बाद 30 दिन पूरे होने का प्रतीक है।
अंतर्राष्ट्रीय नागरिक उड्डयन संगठन (ICAO) के नियमों के तहत, "जांच के प्रभारी राज्यों को दुर्घटना की तारीख से तीस दिनों के भीतर ICAO को एक प्रारंभिक रिपोर्ट प्रस्तुत करनी होगी।" रिपोर्ट में कितनी जानकारी शामिल होगी, यह अभी देखना बाकी है। ICAO नोट करता है कि "प्रारंभिक रिपोर्टों को गोपनीय के रूप में चिह्नित किया जा सकता है या जांच करने वाले राज्य के विवेक पर सार्वजनिक रखा जा सकता है," संयुक्त राष्ट्र निकाय की वेबसाइट पर अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्नों के अनुसार।
जांच में अब तक उपलब्ध डेटा से 787 या इसके दो जीई एयरोस्पेस जीईएनएक्स-1बी इंजनों के साथ किसी भी यांत्रिक या डिजाइन संबंधी समस्या का संकेत नहीं मिलता है। जांचकर्ताओं के अनुसार, दुर्घटना के बाद के विश्लेषण में कोई महत्वपूर्ण विसंगति नहीं पाई गई है। हालांकि, इंजन फ्यूल कंट्रोल स्विच की गतिविधि पर ध्यान केंद्रित किया जा रहा है, और इस क्षेत्र में आगे की जांच की जाएगी। AAIB की प्रारंभिक रिपोर्ट में संभावित कारणों और सिफारिशों के बारे में अधिक जानकारी प्रदान करने की उम्मीद है। यह रिपोर्ट दुर्घटना के कारणों को समझने और भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए महत्वपूर्ण होगी।
आगे की जांच जारी
दुर्घटना की जांच अभी भी जारी है, और अधिकारी दुर्घटना के कारणों का पूरी तरह से पता लगाने के लिए काम कर रहे हैं। प्रारंभिक रिपोर्ट के निष्कर्षों के आधार पर आगे की कार्रवाई की जाएगी।
सुरक्षा प्राथमिकता
एयर इंडिया एक्सप्रेस और विमानन उद्योग में सुरक्षा हमेशा सर्वोच्च प्राथमिकता होती है। इस दुर्घटना से सबक सीखकर, भविष्य में विमान यात्रा को और भी सुरक्षित बनाने के प्रयास किए जाएंगे।