उदयपुर फाइल्स: फिल्म की रिलीज पर हाईकोर्ट का स्टे, निर्माता जाएंगे सुप्रीम कोर्ट

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दिल्ली उच्च न्यायालय द्वारा फिल्म 'उदयपुर फाइल्स: कन्हैया लाल दर्जी हत्याकांड' की रिलीज पर रोक लगाने के बाद, निर्माता अमित जानी ने कहा है कि वे फैसले को चुनौती देने के लिए सर्वोच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाएंगे।

जानी ने एएनआई को बताया, "हमने यह फिल्म उनके वकील कपिल सिब्बल को दिखाई थी, इसलिए स्क्रीनिंग के बाद भी उन्हें इसका विरोध करना पड़ा क्योंकि उन्होंने इसके लिए फीस ली थी। आज उच्च न्यायालय ने कहा कि इस फिल्म पर अभी रोक लगाई जा रही है। हम इस निर्णय को चुनौती देने के लिए सर्वोच्च न्यायालय जा रहे हैं। उन्हें केंद्र सरकार के पास जाने के लिए कहा गया है और सरकार सात दिनों के भीतर अपना फैसला देगी कि फिल्म सही है या गलत..."

उन्होंने आगे कहा कि कन्हैया लाल की तीन साल पहले कैमरे के सामने हत्या कर दी गई थी। आज तक इस मामले में कोई फैसला नहीं आया है।

"कन्हैया लाल की तीन साल पहले कैमरे के सामने हत्या कर दी गई थी। आज तक इस मामले में कोई फैसला नहीं आया है। लेकिन उनकी पीड़ा को दिखाने के लिए बनी फिल्म पर तीन दिनों के भीतर रोक लगा दी गई..." जानी ने कहा।

यह रोक तब तक प्रभावी रहेगी जब तक कि केंद्र सरकार जमीयत उलेमा-ए-हिंद द्वारा केंद्रीय फिल्म प्रमाणन बोर्ड (सीबीएफसी) द्वारा दिए गए प्रमाणन के खिलाफ दायर संशोधन आवेदन पर फैसला नहीं कर लेती।

मुख्य न्यायाधीश देवेंद्र कुमार उपाध्याय और न्यायमूर्ति अनीश दयाल की खंडपीठ ने जमीयत उलेमा-ए-हिंद और पत्रकार प्रशांत टंडन द्वारा सीबीएफसी द्वारा फिल्म को प्रमाणन देने के फैसले को चुनौती देने वाली दो याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए अंतरिम आदेश पारित किया।

याचिकाकर्ताओं ने तर्क दिया कि फिल्म की रिलीज सांप्रदायिक सद्भाव को बिगाड़ सकती है और विषय की संवेदनशीलता को देखते हुए सार्वजनिक व्यवस्था के लिए एक गंभीर खतरा पैदा कर सकती है।

फिल्म के प्रदर्शन पर विवाद

फिल्म 'उदयपुर फाइल्स' कन्हैया लाल की हत्या पर आधारित है, जिनकी 2022 में उदयपुर में उनकी दुकान में हत्या कर दी गई थी। फिल्म की रिलीज से पहले ही विवाद शुरू हो गया था, जिसमें कई संगठनों ने फिल्म पर सांप्रदायिक भावनाओं को भड़काने का आरोप लगाया था।

निर्माता का पक्ष

निर्माता अमित जानी ने आरोपों का खंडन करते हुए कहा कि फिल्म कन्हैया लाल के परिवार को न्याय दिलाने के उद्देश्य से बनाई गई है। उन्होंने कहा कि फिल्म में किसी भी समुदाय को बदनाम करने का कोई इरादा नहीं है।

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