जोसेफ बाएना ने साझा किया बचपन का अनुभव: 'मैं मोटा था और दौड़ नहीं पाता था'
आर्नोल्ड श्वार्जनेगर के बेटे, जोसेफ बाएना, जो एक बॉडीबिल्डर भी हैं, ने हाल ही में सोशल मीडिया पर अपने बचपन के अनुभवों को साझा किया। उन्होंने बताया कि कैसे वे बचपन में 'मोटे' थे और खेलकूद में अन्य बच्चों के साथ तालमेल नहीं बिठा पाते थे।
जोसेफ ने इंस्टाग्राम पर एक वीडियो साझा किया, जिसमें वे सोफे पर लेटे हुए हैं और सोच रहे हैं कि क्या आज जिम जाना छोड़ दें। तभी स्क्रीन पर उनकी बचपन की एक तस्वीर दिखाई देती है, जिसमें वे शर्टलेस हैं और थोड़े मोटे दिख रहे हैं। इस तस्वीर को देखकर जोसेफ तुरंत उठते हैं और जिम की ओर चल देते हैं।
वीडियो के कैप्शन में जोसेफ ने लिखा, "लोग कभी-कभी भूल जाते हैं कि मैं हाई स्कूल में मोटा था। मुझे बास्केटबॉल और फुटबॉल टीम से निकाल दिया गया क्योंकि मैं अन्य बच्चों के साथ तालमेल नहीं बिठा पाता था। शुक्र है कि तैराकी में कोई परीक्षण नहीं था और इसने हमेशा के लिए मेरा जीवन बदल दिया। फिटनेस और प्रशिक्षण से मेरा परिचय वहीं से हुआ। हर कोई कहीं न कहीं से शुरुआत करता है, लेकिन शुरुआत करना सबसे महत्वपूर्ण है।"
उन्होंने यह भी बताया कि तैराकी ने उन्हें कैसे फिटनेस की ओर प्रेरित किया। जोसेफ ने अपने प्रशंसकों को प्रेरित करते हुए कहा कि हर किसी को अपनी फिटनेस यात्रा शुरू करनी चाहिए, भले ही वे कहीं भी हों।
सोशल मीडिया पर प्रतिक्रिया
जोसेफ के इस वीडियो को सोशल मीडिया पर खूब पसंद किया जा रहा है। कई लोगों ने उनकी हास्य भावना की सराहना की है, जबकि कुछ ने उन्हें स्वस्थ रहने के लिए प्रेरित करने के लिए धन्यवाद दिया है। एक यूजर ने लिखा, "हमारे नए कोनन!!! मेरा मतलब पूरी तरह से सम्मान के साथ है क्योंकि आप ही हो!!!!"
जोसेफ बाएना का प्रेरणादायक संदेश
जोसेफ बाएना की कहानी यह दर्शाती है कि कोई भी व्यक्ति अपनी शारीरिक कमियों को दूर कर सकता है और स्वस्थ जीवन जी सकता है। उनका यह संदेश उन सभी लोगों के लिए प्रेरणादायक है जो अपनी फिटनेस यात्रा शुरू करना चाहते हैं।
- शुरुआत करना सबसे महत्वपूर्ण है।
- अपनी कमियों को दूर करने के लिए प्रयास करें।
- स्वस्थ जीवन जीने के लिए प्रेरित रहें।