कर्नाटक को झटका: NMC ने 3 नए मेडिकल कॉलेजों को नकारा, 800 MBBS सीटें कम
कर्नाटक को राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग (NMC) से बड़ा झटका लगा है। NMC ने राज्य सरकार के तीन नए मेडिकल कॉलेज खोलने और सरकारी मेडिकल कॉलेजों में 800 MBBS सीटें बढ़ाने के प्रस्ताव को खारिज कर दिया है।
NMC का इनकार: कारण और प्रभाव
NMC ने आवश्यक बुनियादी ढांचे और संकाय भर्ती की कमी का हवाला देते हुए MBBS सीटों की वृद्धि को अस्वीकार कर दिया है। इस निर्णय के साथ, वर्तमान शैक्षणिक वर्ष के लिए कुल 9,263 MBBS सीटें (प्रबंधन और NRI कोटा सहित) उपलब्ध हैं, जैसा कि चिकित्सा शिक्षा विभाग को प्राप्त अंतिम सीट मैट्रिक्स के अनुसार है। पिछले साल, राज्य को कुल 9,282 MBBS सीटें आवंटित की गई थीं।
इस अस्वीकृति का कर्नाटक में चिकित्सा शिक्षा पर महत्वपूर्ण प्रभाव पड़ेगा, जिससे छात्रों के लिए प्रतिस्पर्धा बढ़ेगी और राज्य में डॉक्टरों की संभावित कमी हो सकती है।
नए मेडिकल कॉलेजों का प्रस्ताव
चिकित्सा शिक्षा विभाग ने तीन नए मेडिकल कॉलेज स्थापित करने का प्रस्ताव प्रस्तुत किया था, जिसमें दो सरकारी कॉलेज और एक निजी कॉलेज शामिल थे: रामनगर इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज रामनगर में, कनकपुरा इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज कनकपुरा में, और फारूक एकेडमी ऑफ मेडिकल साइंसेज मैसूरु में। हालांकि, NMC ने इस प्रस्ताव को अस्वीकार कर दिया।
चिकित्सा शिक्षा निदेशालय की निदेशक बी.एल. सुजाता राठौड़ ने पुष्टि करते हुए कहा, "हम इस साल तीन नए मेडिकल कॉलेज शुरू करने और सरकारी मेडिकल कॉलेजों में मेडिकल सीटें बढ़ाने की उम्मीद कर रहे थे, लेकिन NMC ने दोनों के लिए अनुमति अस्वीकार कर दी है।"
कर्नाटक सरकार पिछले तीन वर्षों से रामनगर और कनकपुरा में सरकारी मेडिकल कॉलेज शुरू करने के प्रस्ताव प्रस्तुत कर रही है। हालांकि, 2023-2024 और 2024-2025 में भी, NMC ने इन कॉलेजों को शुरू करने की अनुमति देने से इनकार कर दिया था।
यह निर्णय कर्नाटक के लिए एक बड़ा झटका है, क्योंकि राज्य चिकित्सा शिक्षा में सुधार और डॉक्टरों की कमी को दूर करने की कोशिश कर रहा है। सरकार को अब NMC की चिंताओं को दूर करने और भविष्य में अनुमति प्राप्त करने के लिए काम करने की आवश्यकता होगी।