मगध विश्वविद्यालय: लंबित परिणाम और छात्रों का आक्रोश, एबीवीपी का प्रदर्शन
मगध विश्वविद्यालय इन दिनों प्रशासनिक लापरवाही और अकादमिक अराजकता के कारण छात्रों के लिए परेशानी का सबब बना हुआ है। कई सत्रों के परिणाम लंबित हैं, जिससे छात्रों का भविष्य अधर में लटका हुआ है। समय पर परिणाम और प्रमाण पत्र न मिलने से छात्रों में भारी आक्रोश है।
अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) ने विश्वविद्यालय प्रशासन के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। एबीवीपी कार्यकर्ताओं ने मंगलवार को मगध विश्वविद्यालय परिसर में जोरदार प्रदर्शन किया। छात्रों ने विश्वविद्यालय प्रशासन के खिलाफ जमकर नारेबाजी की और प्रशासनिक भवन को बंद कर दिया।
एबीवीपी का 21 सूत्री मांग पत्र
एबीवीपी ने विश्वविद्यालय प्रशासन को 21 सूत्री मांग पत्र सौंपा है, जिसमें छात्रों की समस्याओं का तत्काल समाधान करने की मांग की गई है। एबीवीपी का आरोप है कि विश्वविद्यालय प्रशासन छात्रों की समस्याओं को लेकर गंभीर नहीं है, जिसके कारण छात्रों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।
एबीवीपी कार्यकर्ताओं ने कुलपति को पांच दिन का अल्टीमेटम दिया है। उन्होंने कहा कि अगर पांच दिनों में छात्रों की समस्याओं का समाधान नहीं किया गया तो वे उग्र आंदोलन करने के लिए बाध्य होंगे।
छात्रों की प्रमुख समस्याएं:
- स्नातक और पीजी के कई सत्रों के परिणाम लंबित।
- प्रमोटेड और अनुपस्थित दिखाकर छात्रों का भविष्य बिगाड़ा जा रहा है।
- टीआर और मार्कशीट नहीं मिलने से छात्रों को प्रतियोगी परीक्षाओं और नौकरी के अवसरों से वंचित होना पड़ रहा है।
- पोर्टल ठप रहने से छात्रों को फीस जमा करने में परेशानी हो रही है।
छात्रों का कहना है कि विश्वविद्यालय प्रशासन को उनकी समस्याओं का तत्काल समाधान करना चाहिए, ताकि वे अपनी पढ़ाई पर ध्यान केंद्रित कर सकें।
विश्वविद्यालय प्रशासन ने एबीवीपी कार्यकर्ताओं को आश्वासन दिया है कि वे छात्रों की समस्याओं का जल्द से जल्द समाधान करने का प्रयास करेंगे। अब देखना यह होगा कि विश्वविद्यालय प्रशासन छात्रों की समस्याओं को लेकर कितना गंभीर है और कब तक छात्रों को राहत मिलती है।