दीप अमावस्या: गुरुपुष्यामृत योग में चांदी के दीयों की खरीदारी का महत्व
दीप अमावस्या और गुरुपुष्यामृत योग का अद्भुत संयोग
इस वर्ष दीप अमावस्या और गुरुपुष्यामृत का दुर्लभ संयोग बन रहा है। गुरुपुष्यामृत योग के अवसर पर कई लोग सोना खरीदते हैं, लेकिन महंगाई के कारण सोना खरीदना सबके लिए संभव नहीं है।
चांदी सोने की तुलना में थोड़ी सस्ती है। इस बार गुरुपुष्यामृत और दीप अमावस्या एक साथ आने से इसका महत्व और भी बढ़ गया है। दीप अमावस्या पर दीयों की पूजा का विशेष महत्व है। इसलिए, इस अवसर पर आप चांदी के दीयों की खरीदारी करने का विचार कर सकते हैं।
चांदी के दीयों के सुंदर और किफायती विकल्प
बाजार में चांदी के दीयों के कई सुंदर और किफायती विकल्प उपलब्ध हैं। आप अपनी पसंद और बजट के अनुसार दीयों का चयन कर सकते हैं।
जल्द ही श्रावण मास शुरू होने वाला है और आगे कई त्योहार आने वाले हैं। इसलिए सराफा दुकानों में चांदी के दीयों के नए-नए प्रकार उपलब्ध हैं।
दीप अमावस्या का महत्व
दीप अमावस्या का हिंदू धर्म में विशेष महत्व है। इस दिन दीयों की पूजा करने से घर में सुख-समृद्धि आती है। यह दिन पितरों को समर्पित होता है, और उनकी आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना की जाती है।
- इस दिन घर को दीयों से रोशन करना शुभ माना जाता है।
- इस दिन दान-पुण्य करने से विशेष फल मिलता है।
- यह दिन नए कार्यों की शुरुआत के लिए भी शुभ माना जाता है।
चांदी के दीयों की खरीदारी के लिए शुभ मुहूर्त
गुरुपुष्यामृत योग और दीप अमावस्या के संयोग में चांदी के दीयों की खरीदारी करना अत्यंत शुभ माना जाता है। इस दिन खरीदारी करने से घर में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है।