विवाद: पीछा करने के आरोपी विकास बराला बने हरियाणा के सहायक महाधिवक्ता
हरियाणा के भाजपा राज्यसभा सांसद सुभाष बराला के बेटे, विकास बराला की हरियाणा के सहायक महाधिवक्ता (AAG) के रूप में नियुक्ति ने विवाद खड़ा कर दिया है। विकास बराला 2017 में आईएएस अधिकारी वी.एस. कुंडू की बेटी वर्णिका कुंडू के पीछा करने और अपहरण के प्रयास के एक हाई-प्रोफाइल मामले में आरोपी हैं। यह घटना 4 अगस्त, 2017 की रात को हुई थी।
शिकायतकर्ता के अनुसार, विकास बराला और उनके दोस्त आशीष ने उसका रास्ता रोकने, उसे मनाने और कथित तौर पर उसकी गाड़ी में घुसने की कोशिश की, जब वह घर लौट रही थी। दोनों को शुरू में धारा 354डी (पीछा करना) और अन्य धाराओं के तहत बुक किया गया था, बाद में अपहरण के प्रयास के आरोप जोड़े गए। अक्टूबर में औपचारिक रूप से आरोप तय किए गए और विकास को पांच महीने से अधिक समय तक जेल में रखा गया।
यह मामला अभी भी चंडीगढ़ की एक स्थानीय अदालत में सुना जा रहा है।
इंडिया टुडे से फोन पर बात करते हुए, वर्णिका कुंडू ने कहा, "विकास बराला की नियुक्ति के बारे में, मुझे लगता है कि सक्षम प्राधिकारी जिन्होंने उन्हें नियुक्त किया है, वे जवाब दे सकते हैं। वे सभी विद्वान लोग हैं और इस नियुक्ति पर जवाब दे सकते हैं।"
उन्होंने आगे कहा, "जहां तक मेरे मामले का सवाल है, मैं कहूंगी कि मुझे न्यायपालिका पर विश्वास है, लेकिन अब 8 साल हो गए हैं। मामले से बहुत ध्यान भी हट गया है।"
इस बीच, आईएनएलडी विधायक आदित्य देवीलाल ने बराला की हरियाणा के सहायक महाधिवक्ता के रूप में नियुक्ति पर सवाल उठाया है। उनका कहना है कि जिस व्यक्ति पर इतने गंभीर आरोप हैं, उसे इतना महत्वपूर्ण पद कैसे दिया जा सकता है?
विपक्ष का हमला
विकास बराला की नियुक्ति को लेकर विपक्षी दलों ने भी सरकार पर हमला बोला है। उनका कहना है कि यह नियुक्ति पीड़ितों के साथ अन्याय है और सरकार आरोपियों को बचाने की कोशिश कर रही है। इस मामले में राजनीतिक सरगर्मी तेज हो गई है और आने वाले दिनों में और भी विवाद होने की संभावना है।
क्या है आगे की राह?
यह देखना दिलचस्प होगा कि इस मामले में आगे क्या होता है। क्या विकास बराला को अपने पद से इस्तीफा देना होगा? क्या सरकार इस नियुक्ति को रद्द करेगी? या फिर यह मामला अदालत में ही चलता रहेगा? इन सभी सवालों के जवाब आने वाले समय में ही मिलेंगे।