लखनऊ विश्वविद्यालय: होम्योपैथी दवाओं पर छात्रों का शोध

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लखनऊ विश्वविद्यालय (लविवि) अब होम्योपैथी दवाओं की गुणवत्ता सुधारने के लिए छात्रों को शोध करने का अवसर प्रदान करेगा। विश्वविद्यालय ने केंद्रीय होम्योपैथी अनुसंधान परिषद (सीसीआरएच) के साथ एक समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए हैं।

इस सहयोग से वनस्पति विज्ञान विभाग के छात्रों के लिए अनुसंधान के नए रास्ते खुलेंगे। विभाग की अध्यक्षा, प्रो. गौरी सक्सेना ने बताया कि औषधीय पौधों का उपयोग करके दवाओं को और बेहतर बनाने पर शोध किया जाएगा। यह पहल होम्योपैथी चिकित्सा पद्धति को आधुनिक विज्ञान के साथ एकीकृत करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।

सीसीआरएच के साथ साझेदारी से छात्रों को अत्याधुनिक अनुसंधान उपकरणों और विशेषज्ञ मार्गदर्शन तक पहुंच प्राप्त होगी। इससे वे होम्योपैथी दवाओं के निर्माण में उपयोग किए जाने वाले पौधों के रासायनिक घटकों और औषधीय गुणों का गहराई से अध्ययन कर सकेंगे।

लविवि का लक्ष्य है कि यह शोध न केवल दवाओं की गुणवत्ता में सुधार करे, बल्कि नई और प्रभावी होम्योपैथी उपचारों के विकास को भी बढ़ावा दे। यह समझौता छात्रों को अनुसंधान के क्षेत्र में करियर बनाने के लिए प्रोत्साहित करेगा और भारत को होम्योपैथी के क्षेत्र में एक वैश्विक नेता के रूप में स्थापित करने में मदद करेगा।

इस पहल से लखनऊ विश्वविद्यालय में शिक्षा और अनुसंधान की गुणवत्ता में और सुधार होने की उम्मीद है।

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