जेएनयू वीसी शांतिश्री पंडित से शिक्षा मंत्रालय ने मांगी स्पष्टीकरण: क्या है मामला?

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शिक्षा मंत्रालय ने जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) की कुलपति शांतिश्री धुलिपुडी पंडित से एक महत्वपूर्ण कारण बताओ नोटिस जारी किया है। यह नोटिस गुजरात में आयोजित कुलपतियों के एक महत्वपूर्ण सम्मेलन में उनकी अनुपस्थिति से संबंधित है। मंत्रालय ने इस अनुपस्थिति को गंभीरता से लिया है क्योंकि पंडित ने मंत्रालय से पूर्व अनुमति प्राप्त किए बिना सम्मेलन में भाग नहीं लिया।

सूत्रों के अनुसार, मंत्रालय ने पंडित से लिखित स्पष्टीकरण मांगा है। अधिकारियों ने बताया कि इस तरह के महत्वपूर्ण सम्मेलनों में कुलपतियों को भाग लेने से पहले मंत्रालय से अनुमति लेनी होती है।

हालांकि, जेएनयू की कुलपति की ओर से इस मामले पर अभी तक कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं आई है। मंत्रालय के सूत्रों का कहना है कि उनकी अनुपस्थिति को गंभीरता से देखा गया।

मंत्रालय का सम्मेलन 10-11 जुलाई को केवडिया, गुजरात में आयोजित किया गया था। इसी दौरान जेएनयू 10 से 12 जुलाई तक भारतीय ज्ञान प्रणाली (आईकेएस) पर तीन दिवसीय सम्मेलन की मेजबानी कर रहा था, जिसका उद्घाटन पूर्व उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने किया था।

मंत्रालय के संचार में कहा गया है कि इस टकराव को ध्यान में रखा गया था, और फिर भी यह उम्मीद थी कि पंडित कम से कम दूसरे दिन केंद्रीय कार्यक्रम में भाग लेंगी।

सम्मेलन का उद्देश्य

शिक्षा मंत्रालय ने राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) 2020 के पांच साल पूरे होने के उपलक्ष्य में दो दिवसीय कुलपतियों का सम्मेलन आयोजित किया था। इस सम्मेलन में केंद्रीय विश्वविद्यालयों के प्रमुखों को संस्थागत प्रगति की समीक्षा करने और सामूहिक रूप से आगे का रास्ता तय करने के लिए एक साथ लाया गया था।

आगे क्या होगा?

अब यह देखना होगा कि जेएनयू वीसी शांतिश्री पंडित शिक्षा मंत्रालय के इस नोटिस पर क्या जवाब देती हैं और इस मामले में आगे क्या कार्रवाई होती है। यह घटना विश्वविद्यालयों की स्वायत्तता और सरकारी नियंत्रण के बीच संतुलन को लेकर एक बार फिर बहस छेड़ सकती है।

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