अनिल अंबानी की रिलायंस पावर के शेयरों में भारी गिरावट: क्या निवेश करें?
रिलायंस पावर के शेयरों में पिछले एक महीने में 31.5% की भारी गिरावट आई है, जिसमें मंगलवार को 5% की गिरावट भी शामिल है, जिसके कारण लगातार तीसरी बार लोअर सर्किट लगा। समूह की कंपनियों की बढ़ती नियामक जांच और तकनीकी संकेतकों के बिगड़ने से प्रेरित होकर, बिकवाली का दबाव बढ़ गया है। इस कारण स्टॉक प्रमुख मूविंग एवरेज से काफी नीचे चला गया है, जिससे कानूनी जोखिम और बाजार की नाजुकता से जूझ रहे निवेशकों के लिए तत्काल सवाल उठ रहे हैं।
यह नया बिकवाली दबाव ऐसे समय में आया है जब रिलायंस ग्रुप के चेयरमैन अनिल अंबानी मंगलवार को नई दिल्ली में भारत के प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के सामने पेश हुए। यह पूछताछ धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) के तहत एक विस्तृत जांच से संबंधित है, जो रिलायंस होम फाइनेंस लिमिटेड, रिलायंस कमर्शियल फाइनेंस लिमिटेड और रिलायंस कम्युनिकेशंस से जुड़े कथित 17,000 करोड़ रुपये के ऋण धोखाधड़ी पर केंद्रित है।
मंगलवार को बाजार बंद होने पर, रिलायंस पावर अपने हालिया उच्च स्तर 45.32 रुपये से 40.8% नीचे कारोबार कर रहा था और अपने 52-सप्ताह के निचले स्तर 29.21 रुपये से 55% ऊपर बना हुआ है। महत्वपूर्ण रूप से, स्टॉक अपने सभी आठ प्रमुख सरल मूविंग एवरेज (5-दिन से 200-दिन) से नीचे कारोबार कर रहा है, जो समय-सीमा में गहरी मंदी का संकेत देता है।
रिलेटिव स्ट्रेंथ इंडेक्स (आरएसआई) 25.2 पर है, और एमएसीडी -3.4 पर है और केंद्र और सिग्नल लाइनों दोनों से नीचे बना हुआ है, जो मौजूदा मंदी की प्रवृत्ति को मजबूत करता है।
च्वाइस ब्रोकिंग के डेरिवेटिव एनालिस्ट हार्दिक मतालिया ने कहा कि अनिल अंबानी के ईडी के समन की खबर के बाद स्टॉक में आई गिरावट ने "महत्वपूर्ण बिकवाली दबाव को ट्रिगर किया, जिससे स्टॉक नीचे गिर गया।"
क्या रिलायंस पावर के शेयरों में निवेश करना चाहिए?
शेयरों में लगातार गिरावट को देखते हुए, निवेशकों के मन में यह सवाल उठ रहा है कि क्या इस गिरावट में निवेश करना चाहिए या इससे दूर रहना चाहिए। बाजार के विशेषज्ञों का कहना है कि अभी स्थिति स्पष्ट नहीं है, और निवेशकों को सावधानी बरतनी चाहिए। कंपनी के वित्तीय प्रदर्शन और कानूनी मामलों पर बारीकी से नजर रखना महत्वपूर्ण है।
निवेशकों के लिए सलाह
- कंपनी के वित्तीय प्रदर्शन का विश्लेषण करें।
- कानूनी मामलों पर नजर रखें।
- बाजार के रुझानों को समझें।
- जोखिम लेने की क्षमता का आकलन करें।