आयकर रिटर्न: बिना ऑडिट वाले करदाताओं के लिए अंतिम तिथि बढ़ी!
आयकर रिटर्न दाखिल करने की अंतिम तिथि: बिना ऑडिट वाले करदाताओं के लिए खुशखबरी!
वित्तीय वर्ष 2024-2025 के लिए आयकर रिटर्न (आईटीआर) दाखिल करने की प्रक्रिया में पूंजीगत लाभ कर कानूनों और नई कर व्यवस्था के तहत स्थापित आयकर स्लैब में बदलाव के कारण कुछ जटिलताएँ आई हैं। ऐसे में, करदाताओं को राहत देते हुए आयकर विभाग ने बिना ऑडिट वाले करदाताओं के लिए आईटीआर दाखिल करने की अंतिम तिथि बढ़ा दी है।
पहले यह अंतिम तिथि 31 जुलाई, 2025 थी, जिसे अब बढ़ाकर 15 सितंबर, 2025 कर दिया गया है। इसका मतलब है कि हिंदू अविभाजित परिवारों (एचयूएफ), व्यक्तियों और उन करदाताओं जिनके खातों का ऑडिट नहीं किया जाना है, उन्हें अब अपना आईटीआर दाखिल करने के लिए 45 दिन अतिरिक्त मिलेंगे।
यह ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि सभी करदाताओं के लिए आईटीआर दाखिल करने की अंतिम तिथि समान नहीं होती है। ये तिथियां आयकर अधिनियम, 1961 में उल्लिखित आईटीआर में रिपोर्ट की गई आय की प्रकृति के आधार पर निर्धारित की जाती हैं।
किसे मिलेगा इस विस्तार का लाभ?
यह विस्तार मुख्य रूप से वेतनभोगी व्यक्तियों और अन्य करदाताओं को लाभान्वित करेगा जिनके खातों का ऑडिट करने की आवश्यकता नहीं है। केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) के अनुसार, आकलन वर्ष 2025-26 के लिए अधिसूचित आईटीआर में संरचनात्मक और सामग्री संशोधन किए गए हैं, जिसका उद्देश्य रिटर्न दाखिल करने की प्रक्रिया को सरल बनाना है।
हालांकि, करदाताओं को सलाह दी जाती है कि वे अंतिम तिथि का इंतजार न करें और जल्द से जल्द अपना आईटीआर दाखिल कर दें। समय पर आईटीआर दाखिल करने से आप जुर्माने से बच सकते हैं और अन्य लाभ प्राप्त कर सकते हैं।
आईटीआर दाखिल करने से पहले ध्यान रखने योग्य बातें:
- अपने सभी आवश्यक दस्तावेज तैयार रखें।
- सही आईटीआर फॉर्म का चयन करें।
- सभी जानकारी सही-सही भरें।
- अंतिम तिथि से पहले अपना आईटीआर दाखिल करें।
आयकर विभाग का यह कदम करदाताओं के लिए निश्चित रूप से राहत की खबर है। अब वे बिना किसी जल्दबाजी के आराम से अपना आईटीआर दाखिल कर सकते हैं।