कलकत्ता हाईकोर्ट: ट्रेडमार्क उल्लंघन और प्राथमिक टीईटी ओएमआर मामले
कलकत्ता उच्च न्यायालय में हाल ही में दो महत्वपूर्ण मामले सामने आए। पहला मामला 'कैप्टन गोगो' ट्रेडमार्क के उल्लंघन से संबंधित है, जबकि दूसरा 2014 के प्राथमिक टीईटी ओएमआर घोटाले से जुड़ा है। दोनों ही मामलों में अदालत ने महत्वपूर्ण निर्देश दिए हैं।
'कैप्टन गोगो' ट्रेडमार्क उल्लंघन मामला
कलकत्ता उच्च न्यायालय ने मूनडस्ट पेपर प्राइवेट लिमिटेड को राहत देते हुए विभिन्न संस्थाओं द्वारा 'कैप्टन गोगो' ट्रेडमार्क के उल्लंघन के खिलाफ निषेधाज्ञा का आदेश दिया है। न्यायमूर्ति रवि किशन कपूर ने माना कि प्रतिवादी धोखाधड़ी और बेईमानी से काम कर रहे हैं और याचिकाकर्ता के नाम और कॉपीराइट पंजीकरण की नकल करने का प्रयास कर रहे हैं। अदालत ने कहा कि इससे जनता में भ्रम और व्यवधान पैदा होने की संभावना है।
अदालत ने यह भी कहा कि भारत में ऐसे सामानों के खरीदार को अंग्रेजी भाषा का ज्ञान कम हो सकता है, और वर्तनी में मामूली अंतर वाले अलग-अलग शब्द ध्वन्यात्मक रूप से समान लग सकते हैं।
2014 प्राथमिक टीईटी ओएमआर मामला
2014 प्राथमिक टीईटी ओएमआर घोटाला मामला एक बार फिर कलकत्ता उच्च न्यायालय में पेश किया गया। न्यायमूर्ति राजश्री भारद्वाज की पीठ के समक्ष इस मामले की सुनवाई 18 अगस्त, 2025 को निर्धारित है। यह मामला पश्चिम बंगाल में हजारों नौकरी चाहने वालों के भविष्य को निर्धारित करने में महत्वपूर्ण मोड़ साबित हो सकता है।
याचिकाकर्ताओं का मुख्य तर्क यह है कि उन्हें कई आरटीआई आवेदन दाखिल करने और आवश्यक शुल्क जमा करने के बावजूद अपनी मूल ओएमआर शीट देखने की अनुमति नहीं दी गई है।
अदालत के पिछले निर्देश
पिछली सुनवाई में, न्यायमूर्ति राजश्री भारद्वाज ने सीबीआई को कई महत्वपूर्ण निर्देश दिए थे, जिनमें सभी मूल ओएमआर शीट, नष्ट की गई ओएमआर शीट और सर्वर प्रतियां अदालत में जमा करने के लिए कहा गया था। अदालत ने यह भी कहा कि यदि आवश्यक हो तो सॉफ्टवेयर और आईटी विशेषज्ञों से सहायता ली जाए।
अदालत इस घोटाले की तह तक जाने और सच्चाई का पता लगाने के लिए दृढ़ संकल्पित है।
इन दोनों मामलों में कलकत्ता उच्च न्यायालय की सक्रियता न्याय की उम्मीद जगाती है।