भूपेन हजारिका: असम में जन्म शताब्दी समारोह की तैयारी
असम राज्य भारत रत्न से सम्मानित, सांस्कृतिक प्रतीक डॉ. भूपेन हजारिका की जन्म शताब्दी मनाने के लिए पूरी तरह से तैयार है। सोमवार से शुरू होने वाले इस वर्ष भर चलने वाले समारोह में कई कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे।
मुख्यमंत्री का संदेश
मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने सोशल मीडिया पर 'प्रिय भूपेन दा' के जीवन और विरासत को याद करते हुए उन्हें आने वाली पीढ़ियों के लिए प्रेरणादायक बताया। उन्होंने एक्स पर लिखा, "हमारे प्रिय भूपेन दा की जन्म शताब्दी समारोह के शुरू होने में बस एक दिन बाकी है। उनका जीवन और समय अपने आप में एक उदाहरण है। असम और भारत के प्रति उनका प्रेम सभी के लिए प्रेरणादायक है।"
वर्ष भर चलने वाले कार्यक्रम
राज्य सरकार ने हजारिका को श्रद्धांजलि देने के लिए साल भर चलने वाले कार्यक्रमों की योजना बनाई है। वे न केवल एक महान गायक और गीतकार थे, बल्कि एक कवि, फिल्म निर्माता और असम के सांस्कृतिक राजदूत भी थे। उन्हें 'ब्रह्मपुत्र का बार्ड' के रूप में जाना जाता है। हजारिका की रचनाएँ गहरी मानवता से भरी हैं, जो असमिया लोक संस्कृति में निहित हैं। उनके गीत सामाजिक न्याय, भाईचारे और मानव गरिमा के विषयों पर आधारित हैं।
उनकी विरासत
- भूपेन हजारिका ने असमिया संगीत और संस्कृति को विश्व स्तर पर पहचान दिलाई।
- उनके गीत आज भी लोगों को प्रेरित करते हैं।
- उन्होंने सामाजिक न्याय और समानता के लिए आवाज उठाई।
असम सरकार का यह प्रयास भूपेन हजारिका की विरासत को जीवित रखने और आने वाली पीढ़ियों को उनसे परिचित कराने का एक महत्वपूर्ण कदम है।