डीपफेक का खतरा: AI ने चुराई भारतीय महिला की पहचान, बनाया अश्लील कंटेंट

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आजकल डीपफेक तकनीक का इस्तेमाल करके किसी की भी पहचान चुराई जा सकती है और उसका गलत इस्तेमाल किया जा सकता है। ऐसा ही एक मामला भारत में सामने आया है, जहां एक महिला की पहचान चुराकर एआई (आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस) की मदद से अश्लील कंटेंट बनाया गया।

क्या है मामला?

मामला 'बेबीडॉल आर्ची' नाम के एक इंस्टाग्राम अकाउंट से जुड़ा है, जिसके 14 लाख से ज्यादा फॉलोअर्स थे। इस अकाउंट पर एक महिला के वीडियो और तस्वीरें पोस्ट की जाती थीं, जो देखने में काफी आकर्षक थीं। लेकिन सच्चाई यह थी कि इस अकाउंट के पीछे कोई असली महिला नहीं थी, बल्कि यह एक डीपफेक था।

डीपफेक एक ऐसी तकनीक है, जिसमें एआई की मदद से किसी व्यक्ति के चेहरे और आवाज को बदलकर उसे किसी और व्यक्ति के रूप में दिखाया जा सकता है। इस मामले में, आरोपी ने एक महिला की निजी तस्वीरों का इस्तेमाल करके उसका डीपफेक बनाया और फिर उसे अश्लील कंटेंट बनाने के लिए इस्तेमाल किया।

कैसे हुआ खुलासा?

इस मामले का खुलासा तब हुआ जब महिला के भाई ने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई। पुलिस ने जांच शुरू की और पाया कि इस अकाउंट को महिला के पूर्व प्रेमी ने बनाया था। आरोपी एक मैकेनिकल इंजीनियर है और उसे एआई की अच्छी जानकारी है। पुलिस के मुताबिक, आरोपी ने महिला से बदला लेने के लिए ऐसा किया।

पुलिस ने आरोपी को गिरफ्तार कर लिया है और मामले की जांच कर रही है। यह मामला डीपफेक तकनीक के खतरों को उजागर करता है और यह दिखाता है कि इस तकनीक का इस्तेमाल करके किसी को भी नुकसान पहुंचाया जा सकता है।

  • डीपफेक तकनीक का इस्तेमाल करके किसी की भी पहचान चुराई जा सकती है।
  • डीपफेक का इस्तेमाल करके अश्लील कंटेंट बनाया जा सकता है।
  • डीपफेक तकनीक का इस्तेमाल करके किसी को भी बदनाम किया जा सकता है।

इसलिए, यह जरूरी है कि हम डीपफेक तकनीक के बारे में जागरूक रहें और इससे बचने के लिए जरूरी कदम उठाएं।

यह घटना एक गंभीर चेतावनी है। हमें डीपफेक तकनीक के दुरुपयोग को रोकने के लिए सख्त कदम उठाने होंगे।

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